आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 नजदीक है, लेकिन करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) को इस बार कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर गड़बड़ियों और देरी की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। कई CAs और करदाता सोशल मीडिया पर अपनी समस्याएं साझा कर रहे हैं, जिसमें पोर्टल का धीमा प्रदर्शन, फॉर्म डाउनलोड न होना, और भुगतान प्रक्रिया में रुकावटें शामिल हैं।हालांकि, आयकर विभाग ने इन समस्याओं को खारिज करते हुए कहा है कि पोर्टल पूरी तरह से कार्यात्मक है। लेकिन, CAs और उद्योग संगठनों ने CBDT (Central Board of Direct Taxes) से डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है।


ITR पोर्टल पर आ रही समस्याएं

1. पोर्टल का धीमा प्रदर्शन और भुगतान में रुकावटें

कई CAs ने शिकायत की है कि पोर्टल पर टैक्स भुगतान करने की प्रक्रिया बार-बार फेल हो रही है। एक CA ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कई बार कोशिश करने के बाद भी पोर्टल टैक्स भुगतान स्वीकार नहीं कर रहा है।”

2. AIS और TIS डाउनलोड में दिक्कतें

करदाता और CAs दोनों ने AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary) डाउनलोड करने में समस्याओं की शिकायत की है। ये दस्तावेज ITR फाइलिंग के लिए जरूरी हैं, लेकिन पोर्टल पर इन्हें डाउनलोड करने में काफी समय लग रहा है।

3. फॉर्म्स और डेटा की गड़बड़ियां

कई करदाताओं ने डुप्लिकेट एंट्रीज और गलत डेटा की शिकायत की है। AIS में गलत जानकारी के कारण करदाताओं को रिटर्न फाइल करने में देरी हो रही है। आयकर विभाग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि करदाता AIS में गड़बड़ियों को सुधारने के लिए पोर्टल पर दिए गए गाइडलाइंस का पालन करें।

4. नई कंप्लायंस फॉर्मेट्स का बोझ

CAs का कहना है कि इस साल नए कंप्लायंस फॉर्मेट्स और लेट-रोलआउट यूटिलिटीज ने फाइलिंग प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है।


CBDT ने डेडलाइन बढ़ाने से किया इनकार

हालांकि, CAs और उद्योग संगठनों ने CBDT को पत्र लिखकर डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है, लेकिन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 15 सितंबर 2025 की डेडलाइन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।आयकर विभाग ने कहा है कि पोर्टल पूरी तरह से कार्यात्मक है और करदाता समय पर अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। विभाग ने यह भी कहा कि अंतिम दिनों में पोर्टल पर भारी ट्रैफिक की संभावना है, इसलिए करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे जल्द से जल्द अपना रिटर्न फाइल करें।


तकनीकी समस्याओं का असर: करदाताओं और CAs की चिंताएं

1. रिटर्न फाइलिंग में देरी

तकनीकी समस्याओं के कारण कई करदाता समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे हैं। इससे न केवल विलंब शुल्क का खतरा बढ़ रहा है, बल्कि टैक्स रिफंड में भी देरी हो सकती है।

2. CAs पर बढ़ा दबाव

CAs का कहना है कि पोर्टल की गड़बड़ियों के कारण उनका काम दोगुना हो गया है। उन्हें एक ही प्रक्रिया को बार-बार दोहराना पड़ रहा है, जिससे समय और संसाधन दोनों की बर्बादी हो रही है।

3. टैक्स रिफंड में देरी

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल टैक्स रिफंड में भी देरी हो सकती है क्योंकि आयकर विभाग ने ITR फाइलिंग की जांच के लिए AI-आधारित सॉफ्टवेयर का उपयोग शुरू किया है।


ITR फाइलिंग में देरी से बचने के लिए सुझाव

  1. जल्द से जल्द फाइल करें:
    अंतिम दिनों में पोर्टल पर ट्रैफिक बढ़ सकता है, जिससे तकनीकी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
  1. AIS और TIS की जांच करें:
    फाइलिंग से पहले अपने AIS और TIS में किसी भी गड़बड़ी को सुधारें।
  1. CA या विशेषज्ञ की मदद लें:
    अगर आपको फाइलिंग में कोई समस्या हो रही है, तो किसी विशेषज्ञ की मदद लें।
  1. ऑफलाइन विकल्पों पर विचार करें:
    अगर पोर्टल पर समस्या बनी रहती है, तो आप ऑफलाइन फाइलिंग का विकल्प भी चुन सकते हैं।

FAQ: ITR फाइलिंग और पोर्टल समस्याओं से जुड़े सवाल

1. क्या ITR पोर्टल की समस्याओं के कारण डेडलाइन बढ़ाई जाएगी?
नहीं, आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि डेडलाइन 15 सितंबर 2025 ही रहेगी।

2. AIS और TIS में गड़बड़ी को कैसे सुधारें?
आयकर विभाग ने पोर्टल पर AIS सुधारने के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। आप इनका पालन कर सकते हैं।

3. अगर मैं समय पर ITR फाइल नहीं कर पाया, तो क्या होगा?
आपको विलंब शुल्क और ब्याज का भुगतान करना होगा। साथ ही, टैक्स रिफंड में भी देरी हो सकती है।

4. क्या पोर्टल की समस्याओं के लिए कोई हेल्पलाइन है?
हां, आयकर विभाग ने पोर्टल से जुड़ी समस्याओं के लिए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल सपोर्ट उपलब्ध कराया है।

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