पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shahbaz Sharif ने हाल ही में Sialkot के Pasrur Cantonment का दौरा किया और वहां मौजूद सैनिकों से बातचीत की। इस दौरे को लेकर कई लोग यह कह रहे हैं कि Shahbaz Sharif ने भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi की नकल करने की कोशिश की है। PM Modi अक्सर भारतीय सेना के जवानों से मिलने और उनके साथ समय बिताने के लिए जाने जाते हैं।

Shahbaz Sharif का Pasrur Cantonment दौरा

Shahbaz Sharif ने Pasrur Cantonment में सैनिकों से बातचीत की और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने सैनिकों को देश की सुरक्षा में उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। Shahbaz Sharif ने इस दौरे के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की कि उनकी सरकार सेना के साथ खड़ी है।

हालांकि, इस दौरे को लेकर कई आलोचनाएं भी हो रही हैं। विपक्षी दलों और सोशल मीडिया पर कई लोगों का कहना है कि Shahbaz Sharif ने यह दौरा केवल PM Modi की नकल करने के लिए किया है। PM Modi अक्सर भारतीय सेना के जवानों से मिलने के लिए सीमावर्ती इलाकों और कैंटोनमेंट क्षेत्रों का दौरा करते हैं।

क्या है Shahbaz Sharif के दौरे का मकसद?

Shahbaz Sharif के इस दौरे को पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सेना के साथ उनके संबंधों के संदर्भ में देखा जा रहा है। पाकिस्तान में सेना का राजनीति में बड़ा प्रभाव है, और Shahbaz Sharif का यह दौरा सेना के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

इसके अलावा, यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। IMF (International Monetary Fund) से कर्ज लेने और देश की गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए Shahbaz Sharif को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरे के जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी सरकार देश की सुरक्षा और सेना के साथ खड़ी है।

विवाद और आलोचना

Shahbaz Sharif के इस दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे PM Modi की नकल करार दे रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी इस दौरे की आलोचना की है और इसे एक “राजनीतिक स्टंट” बताया है।

भारत में भी इस दौरे को लेकर चर्चा हो रही है। कई लोग इसे PM Modi की लोकप्रियता और उनकी सेना के साथ जुड़ाव का प्रभाव मान रहे हैं। Shahbaz Sharif के इस कदम को पाकिस्तान की राजनीति में सेना के बढ़ते प्रभाव के रूप में भी देखा जा रहा है।

Shahbaz Sharif का यह दौरा पाकिस्तान की राजनीति और सेना के साथ उनके संबंधों को कैसे प्रभावित करेगा, यह देखना बाकी है। हालांकि, इस दौरे ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की राजनीति में सेना का प्रभाव कितना गहरा है।

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