पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए, चाहे वह ICC टूर्नामेंट्स (ICC Events) ही क्यों न हों। गंभीर का यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर आया है।

गौतम गंभीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता, तब तक भारत को किसी भी स्तर पर उनके साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। गंभीर का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध तनावपूर्ण हैं।

गंभीर का तर्क

गंभीर ने अपने बयान में कहा कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि यह देश की प्रतिष्ठा और सम्मान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “जब हमारे सैनिक सीमा पर अपनी जान दे रहे हैं, तब हमें पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।”

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों का इतिहास

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध हमेशा से ही विवादों में रहे हैं। 2008 के मुंबई हमलों के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज (Bilateral Series) बंद है। हालांकि, दोनों टीमें ICC टूर्नामेंट्स जैसे वर्ल्ड कप और एशिया कप में एक-दूसरे के खिलाफ खेलती रही हैं।

गंभीर के बयान पर प्रतिक्रियाएं

गंभीर के इस बयान पर क्रिकेट जगत और सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए।

क्या है मौजूदा स्थिति?

  • द्विपक्षीय सीरीज: भारत और पाकिस्तान के बीच 2008 के बाद से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई है।
  • ICC टूर्नामेंट्स: दोनों टीमें केवल ICC और एशिया कप जैसे टूर्नामेंट्स में आमने-सामने होती हैं।
  • राजनीतिक तनाव: भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे और आतंकवाद को लेकर तनाव बना हुआ है।

क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि गंभीर का बयान भावनात्मक है और इसे व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। हालांकि, यह भी सच है कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर राजनीति का गहरा प्रभाव है।

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