हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच Nuclear War की स्थिति बन गई थी। यह युद्ध एक हफ्ते के भीतर शुरू हो सकता था, लेकिन इसे टाल दिया गया। उनका यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।Donald Trump ने यह दावा अपने एक इंटरव्यू में किया, जहां उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए कुछ बड़े फैसलों और उनकी वजह से टले खतरों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध (Nuclear War) की संभावना बन गई थी।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की वजह

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है। दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दा और सीमा पर लगातार होने वाली झड़पें हमेशा से विवाद का कारण रही हैं। 2019 में Pulwama Attack और उसके बाद भारत द्वारा की गई Balakot Airstrike ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया था।Donald Trump ने अपने बयान में यह स्पष्ट नहीं किया कि यह घटना किस समय की है, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह Pulwama Attack और Balakot Airstrike के समय की हो सकती है। उस समय दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी।

Donald Trump की भूमिका

Donald Trump ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बातचीत की और स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर उस समय सही कदम नहीं उठाए जाते, तो यह तनाव परमाणु युद्ध (Nuclear War) में बदल सकता था।Trump ने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने कई बार मध्यस्थता की कोशिश की, लेकिन भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया कि कश्मीर मुद्दा उसका आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होनी चाहिए।

Nuclear War के खतरे और इसके परिणाम

अगर भारत और पाकिस्तान के बीच Nuclear War होता, तो इसके परिणाम सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं रहते। यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के पास मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या और उनकी क्षमता इतनी है कि यह युद्ध लाखों लोगों की जान ले सकता था और पर्यावरण पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ता।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

Donald Trump के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

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