अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने Russia-Ukraine War के दौरान NATO के जरिए यूक्रेन को हथियार भेजने की बात कही है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अपने चरम पर है और वैश्विक राजनीति में हलचल मची हुई है।

Trump का बयान और NATO की भूमिका

Donald Trump ने कहा कि अगर वह सत्ता में होते, तो वह सीधे तौर पर हथियार भेजने के बजाय NATO के जरिए यूक्रेन को मदद पहुंचाते। उनका मानना है कि इस कदम से अमेरिका सीधे तौर पर युद्ध में शामिल नहीं होता और NATO की सामूहिक ताकत का उपयोग किया जा सकता था।

NATO (North Atlantic Treaty Organization) एक सैन्य गठबंधन है, जिसमें अमेरिका समेत 30 देश शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

Russia-Ukraine War का मौजूदा हाल

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध फरवरी 2022 में शुरू हुआ था और तब से यह संघर्ष लगातार जारी है। रूस ने यूक्रेन पर हमला करते हुए कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है, जबकि यूक्रेन ने भी कड़ा प्रतिरोध दिखाया है। इस युद्ध ने न केवल इन दोनों देशों को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीति पर भी गहरा असर डाला है।

Trump के बयान का असर

Donald Trump के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि NATO के जरिए हथियार भेजने का सुझाव एक रणनीतिक कदम हो सकता है, लेकिन इससे रूस और NATO के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

इसके अलावा, यह बयान 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर भी देखा जा रहा है। Trump अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी विदेश नीति मजबूत और रणनीतिक है।

Russia-Ukraine War और वैश्विक प्रभाव

इस युद्ध ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संकट, खाद्य आपूर्ति में बाधा और आर्थिक अस्थिरता को जन्म दिया है। यूरोप में गैस की कीमतें बढ़ गई हैं, और कई देशों को अपने रक्षा बजट में वृद्धि करनी पड़ी है।

Donald Trump का यह बयान इस बात को भी उजागर करता है कि अमेरिका और NATO के बीच सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इस बयान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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