स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में CPI (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के नेताओं से मुलाकात की है। उन्होंने CPI नेताओं से मुलाकात करके देश में गोरक्षा कानून लागू करने की मांग पर समर्थन मांगा है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्होंने महाकुंभ के दौरान भी सरकार से गोरक्षा विधेयक लागू करने की मांग की थी। उनका कहना है कि गायों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानून बनना जरूरी है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने CPI नेताओं से कहा कि गायों की रक्षा करना सिर्फ धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक मुद्दा भी है। उन्होंने कहा कि गायों की सुरक्षा से किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। CPI नेताओं ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की बात ध्यान से सुनी, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि वे इस मुद्दे पर पार्टी के अंदर चर्चा करेंगे और उसके बाद ही कोई फैसला लेंगे।

इस मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस जैसी पार्टियां भी इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रख रही हैं। बीजेपी पहले से ही गोरक्षा कानून का समर्थन करती रही है, जबकि CPI जैसी पार्टियां इस मुद्दे पर अलग राय रखती हैं। ऐसे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की CPI नेताओं से मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि गायों की सुरक्षा के लिए कानून बनाना जरूरी है, क्योंकि इससे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि गायों की रक्षा से किसानों को भी फायदा होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

इस मुलाकात के बाद CPI नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे पर विचार करेंगे, लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि वे किसी भी तरह के धार्मिक या सांप्रदायिक मुद्दे का समर्थन नहीं करेंगे। CPI नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे को सामाजिक और आर्थिक नजरिए से देखेंगे।

इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस और तेज हो सकती है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों का क्या रुख रहता है और क्या गायों की सुरक्षा के लिए कोई नया कानून बनता है या नहीं।

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