Infosys के हालिया ₹18,000 करोड़ के रिकॉर्ड शेयर बायबैक के बाद, अब निवेशकों की नजरें TCS (Tata Consultancy Services) पर टिकी हैं। क्या TCS भी Infosys की तरह बायबैक का ऐलान करेगा? इस सवाल ने बाजार में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों और ब्रोकरेज हाउसों का मानना है कि Infosys के इस कदम से IT सेक्टर में बायबैक की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, TCS के बायबैक को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।आइए जानते हैं कि TCS के संभावित बायबैक को लेकर निवेशकों को किन 5 अहम बातों पर ध्यान देना चाहिए।


1. Infosys के बायबैक का असर और TCS की संभावनाएं

Infosys ने हाल ही में ₹18,000 करोड़ का बायबैक लॉन्च किया है, जो कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा बायबैक है। यह बायबैक ₹1,800 प्रति शेयर की कीमत पर किया जा रहा है, जो बाजार मूल्य से 19% का प्रीमियम है।Infosys के इस कदम ने IT सेक्टर में बायबैक की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि TCS, जो भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी है, भी इसी राह पर चल सकती है। CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, TCS अपने अगले विशेष डिविडेंड की जगह ₹20,000 करोड़ का टेंडर ऑफर-स्टाइल बायबैक कर सकता है।


2. TCS का बायबैक इतिहास

TCS का बायबैक इतिहास काफी मजबूत रहा है। कंपनी ने पिछले 5 वर्षों में कई बार बायबैक किए हैं, जिनका उद्देश्य शेयरधारकों को अतिरिक्त रिटर्न देना और शेयर की कीमत को स्थिर रखना रहा है।

  • पिछला बायबैक: TCS का आखिरी बायबैक दिसंबर 2023 में हुआ था।
  • बायबैक का प्रभाव: TCS के पिछले बायबैक ने शेयर की कीमत को तकनीकी समर्थन दिया था और निवेशकों को आकर्षित किया था।

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि Infosys के बायबैक का मतलब यह नहीं है कि TCS भी तुरंत बायबैक का ऐलान करेगा। Motilal Oswal के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि TCS के बायबैक की संभावना पर अभी भी अटकलें हैं और यह पूरी तरह से कंपनी की रणनीति पर निर्भर करेगा।


3. बायबैक क्यों है महत्वपूर्ण?

शेयर बायबैक कंपनियों के लिए अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त रिटर्न देने का एक तरीका है। यह न केवल शेयर की कीमत को स्थिर करता है, बल्कि कंपनी के प्रति निवेशकों का विश्वास भी बढ़ाता है।Infosys के बायबैक के बाद, इसके शेयरों में लगभग 5% की तेजी देखी गई। बायबैक से कंपनी के EPS (Earnings Per Share) में सुधार होता है और प्रमोटर होल्डिंग बढ़ती है। अगर TCS भी बायबैक का ऐलान करता है, तो यह निवेशकों के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत होगा।


4. IT सेक्टर में कमजोर मांग और बायबैक की भूमिका

IT सेक्टर इस समय कमजोर मांग और वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना कर रहा है। ऐसे में बायबैक कंपनियों के लिए निवेशकों का भरोसा बनाए रखने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है।Infosys के बायबैक ने IT सेक्टर में सकारात्मकता लाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि TCS और Wipro जैसे बड़े खिलाड़ी भी इसी रणनीति को अपना सकते हैं। Business Standard की रिपोर्ट के अनुसार, Infosys के बायबैक ने TCS और Wipro के संभावित बायबैक की चर्चाओं को हवा दी है।


5. निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?

अगर TCS बायबैक का ऐलान करता है, तो यह निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • बायबैक प्रीमियम: अगर बायबैक प्रीमियम अधिक है, तो यह निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा।
  • लॉन्ग-टर्म होल्डिंग: बायबैक के बाद शेयर की कीमत में स्थिरता आ सकती है, जिससे लॉन्ग-टर्म निवेशकों को फायदा होगा।
  • कंपनी की वित्तीय स्थिति: TCS की मजबूत बैलेंस शीट और कैश रिजर्व इसे बायबैक के लिए सक्षम बनाते हैं।

FAQ: TCS और बायबैक से जुड़े सवाल

1. क्या TCS Infosys की तरह बायबैक करेगा?
TCS के बायबैक को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि Infosys के बायबैक के बाद TCS भी इस पर विचार कर सकता है।

2. TCS का पिछला बायबैक कब हुआ था?
TCS का आखिरी बायबैक दिसंबर 2023 में हुआ था।

3. Infosys के बायबैक का प्रीमियम कितना है?
Infosys का बायबैक ₹1,800 प्रति शेयर की कीमत पर किया जा रहा है, जो बाजार मूल्य से 19% का प्रीमियम है।

4. बायबैक से निवेशकों को क्या फायदा होता है?
बायबैक से शेयर की कीमत में स्थिरता आती है, EPS में सुधार होता है, और प्रमोटर होल्डिंग बढ़ती है।

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