रन्या राव का चौंकाने वाला खुलासा: डीआरआई अधिकारियों ने की मारपीट और भोजन से वंचित रखा – कर्नाटक सोना तस्करी मामले में नया मोड़

कर्नाटक सोना तस्करी मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ आया है। कन्नड़ अभिनेत्री रन्या राव ने डीआरआई (डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, उन्हें थप्पड़ मारे गए और भोजन से वंचित रखा गया। यह खुलासा न केवल जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में एक नया आयाम जोड़ता है।

रन्या राव ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने कहा है कि डीआरआई अधिकारियों ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया। उनका आरोप है कि:

1. पूछताछ के दौरान उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए।
2. उन्हें लगातार 24 घंटे तक भोजन नहीं दिया गया।
3. उन्हें पानी पीने की भी अनुमति नहीं दी गई।
4. उनके साथ मानसिक प्रताड़ना की गई।

ये आरोप गंभीर हैं और यदि सत्य साबित होते हैं, तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन माना जा सकता है।

रन्या राव को 3 मार्च, 2025 को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उन पर दुबई से 14.2 किलोग्राम सोना तस्करी करने का आरोप है, जिसकी कीमत लगभग 12.56 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह मामला तब और जटिल हो गया जब जांच में कर्नाटक पुलिस के एक प्रोटोकॉल अधिकारी की संलिप्तता का खुलासा हुआ।

डीआरआई ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, एजेंसी इन आरोपों को खारिज करती है और कहती है कि पूछताछ नियमों के अनुसार की गई थी। इस बीच, कोर्ट ने रन्या राव की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उनके दुबई के बार-बार के दौरों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरे का हवाला दिया गया है।

1. कानूनी पहलू: रन्या राव के आरोप, यदि सही साबित होते हैं, तो यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा, बल्कि पूरी जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

2. राजनीतिक प्रभाव: इस मामले में उच्च पदस्थ अधिकारियों की कथित संलिप्तता के कारण यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है।

3. सुरक्षा चिंताएं: इस प्रकार के सोना तस्करी के मामले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं, क्योंकि इनका उपयोग अवैध गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए किया जा सकता है।

4. अंतरराष्ट्रीय संबंध: दुबई से जुड़े इस मामले के कारण भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच कानून प्रवर्तन सहयोग पर ध्यान केंद्रित हो सकता है।

रन्या राव का यह खुलासा कर्नाटक सोना तस्करी मामले में एक नया मोड़ है। यह न केवल जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि इस मामले के कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक पहलुओं को भी उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट इन आरोपों पर कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या इसके परिणामस्वरूप जांच प्रक्रिया में कोई बदलाव आता है।

यह मामला एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि कानून का पालन करते हुए मानवाधिकारों का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह हमें सोना तस्करी जैसी गंभीर अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी जोर देता है।

Share.