मिजोरम की धरती पर एक ऐसी मुलाकात हुई, जिसने देशभक्ति और संगीत के मिलन को एक नया आयाम दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मिजोरम के दौरे पर एक ऐसी प्रतिभा से मुलाकात की, जिसने न केवल उनका दिल जीता, बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह प्रतिभा है छोटी सी एस्थर लालदुहावमी की, जिसने अपनी मधुर आवाज में ‘वंदे मातरम’ गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
एस्थर लालदुहावमी हनाम्ते, जिनका जन्म 9 जून 2016 को मिजोरम के लुंगलेई में हुआ, एक ऐसी बाल गायिका हैं जिन्होंने अपनी असाधारण प्रतिभा से सबको चौंका दिया है। उनकी यह प्रतिभा केवल उनकी मां, जो स्थानीय चर्च के कोयर की एक सेवानिवृत्त सोप्रानो हैं, के प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि एक ऐसी क्षमता है जो जन्मजात प्रतीत होती है।
जब अमित शाह ने एस्थर को ‘वंदे मातरम’ गाते सुना, तो वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत एस्थर को एक गिटार भेंट करने का फैसला किया। यह केवल एक उपहार नहीं था, बल्कि एक प्रोत्साहन था – एक ऐसी प्रतिभा के लिए जो भविष्य में देश का नाम रोशन कर सकती है।
मिजोरम, जो अपनी समृद्ध संस्कृति और विविध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, ने एक बार फिर साबित किया है कि यह प्रतिभाओं की खान है। यहाँ के युवा कलाकार न केवल अपनी परंपराओं को संजोए हुए हैं, बल्कि उन्हें एक नया रूप देकर राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं।
एस्थर की प्रतिभा केवल एक क्षणिक चमक नहीं है। उन्होंने पहले ही कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें मिजोरम के राज्यपाल द्वारा दिया गया विशेष प्रशंसा पुरस्कार और डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड द्वारा दिया गया यंग अचीवर्स अवार्ड शामिल हैं। वे मिजो जैमी इनज़ाव्मखाव्म की सबसे कम उम्र की सदस्य भी हैं, जो मिजो गायकों का एक समाज है।
अमित शाह और एस्थर लालदुहावमी की यह मुलाकात केवल एक छोटी सी घटना नहीं है। यह एक ऐसा क्षण है जो हमें याद दिलाता है कि प्रतिभा किसी भी उम्र या क्षेत्र में पनप सकती है। यह मुलाकात न केवल एस्थर के लिए, बल्कि मिजोरम और पूरे देश के युवा कलाकारों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि संगीत और देशभक्ति का मिलन कैसे दिलों को छू सकता है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर सकता है। एस्थर लालदुहावमी जैसी प्रतिभाएँ हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक हैं, और उनकी प्रतिभा को पहचानना और प्रोत्साहित करना हम सभी का कर्तव्य है।