
वेबसाइट के मुताबिक निबिरू सैंकड़ों साल पहले नष्ट हो चुका ग्रह है,जिसके टुकड़े अंतरिक्ष में बिखरे हुए हैं। इन टुकड़ों में एक ऐसा टुकड़ा है जो सबसे बड़ा है। कहा जा रहा है कि यह टुकड़ा तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है। धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह टुकड़ा पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। हालांकि वेबसाइट के दावे की कोई और वैज्ञानिक पुष्टि नहीं कर रहा है। उनके मुताबिक इस संबंध में उनके पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। अंतरिक्ष मामलों में दखल रखने वाले डयोमिन डेमिर जखरोविच के मुताबिक अंतरिक्ष में दिखने वाली इस चीज को डब्ल्यूएफ9 का नाम दिया गया है,जो अक्टूबर में सूर्य के चक्कर लगा रहे निबिरु को छोड़ कर वहां से निकल आया था। नासा भी इस बारे में अच्छे से जानता है कि ये धरती से टकराएगा।
डॉ जखरोविच का मानना है कि अगर ये टुकड़ा धरती के 2.2 किलोमीटर के दायरे से निकलता है तब कोई दिक्कत नहीं है,अगर ये धरती के भीतर तक आ गया तो सुनामी और तूफान जैसे हालात पैदा होंगेे,जिससे शहर के शहर तबाह हो जाएंगे। जखरोविच खुद के अनुभवों के आधार पर कहते हैं कि नासा हम सब से सच छिपाने की कोशिश कर रहा है जबकि हम पहले ही सारे डाटा देख चुके हैं। हालांकि नासा ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है। पांच साल पहले नासा ने कहा था कि ये सब कोरी अफवाह है। इनका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।
पिछले साल भी ऐसी ही खबर आई थी। तब कहा गया था कि 2 अक्टूबर को पृथ्वी खत्म हो जाएगी। ऑकलैण्ड(कैलिफोर्निया) के एक धर्मोपदेशक हैरल्ड कैपिंग ने दावा किया था कि 2 अक्टूबर की शाम 6 बजे दुनिया खत्म हो जाएगी। हालांकि उनका दावा गलत साबित हुआ। कैपिंग पहले भी दुनिया के खत्म होने की तारीख 6 सितंबर 1994 घोषित कर चुके हैं। साल 2012 में 21 दिसंबर को धरती के नष्ट होने की बात कही गई थी। तब माया सभ्यता के हवाले से यह दावा किया गया था क्योंकि माया सभ्यता का कैलेंडर 21 दिसंबर 2012 को खत्म हो रहा था।
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